हरिद्वार के धार्मिक स्थल पूजा - पाठ के लिए खुले
निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी जी महाराज ने कार्तिकेय मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना की
पंचायती अखाड़ा के सचिव एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों को खोले जाने के फैसले का हम स्वागत करते हैं और उनका आभार जताते हैं उन्होंने कहा कि मंदिर में जो भी भक्त है वह केंद्र सरकार के द्वारा दी गई गाइड लाइनों का पालन करें उन्होंने कहा कि कॉलेज जाने का जब भी फायदा या जब अन्य राज्यों से लोगों को आने की अनुमति देवभूमि उत्तराखंड और तीर्थ नगरी हरिद्वार में दी जाए कभी श्रद्धालु और पर्यटक हरिद्वार और उत्तराखंड आएंगे क्योंकि उत्तराखंड का सारा आर्थिक आधार और धार्मिक आधार श्रद्धालुओं से जुड़ा हुआ है महन्त रविंद्र पुरी महाराज ने कार्तिकेय मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना की और पूरे देश और दुनिया को कोरोनावायरस मुक्त करने की प्रार्थना की उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि जल्दी ही कोरोनावायरस से दुनिया को छुटकारा मिलेगा और लोग स्वस्थ रहेंगे बनी आज केंद्र सरकार की गाइड लाइन जारी होते ही हरिद्वार के तीर्थ स्थलों को और मंदिरों को आम जनमानस के लिए खोल दिया गया और लोग पहले की तरह अपने इष्ट देवी देवताओं के दर्शन पूजा अर्चना और प्रार्थना करने के लिए धार्मिक स्थलों पर आने शुरू हो गए धर्मनगरी हरिद्वार में अलग ही नजारा देखने को मिला यहां पर मंदिरों में भक्तों ने भगवान को कोरोना वायरस से बचाने के लिए पूरे मंदिर को सैनिटाइज किया और साथ ही इस वायरस से बचने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मास्क लगाने की जरूरत होती है तो भक्तों ने भगवान को भी मास्क पहनाए और लोगों से अपील की भारत सरकार द्वारा बनाई गई गाइडलाइन का सभी पालन करें जिससे कोरोना की जंग लड़ी जा सके कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य पुजारी महन्त विश्वेश्वर पुरी महाराज ने की मंदिर के कपाट खोले जाने के समय और मंदिर में भक्तों के आने के समय सभी नियमों का पालन किया जाएगा और लोगों को केवल गंगाजल चढ़ाने की अनुमति दी गई है ।
पी जी पातशाही गुरुद्वारे में अरदास
कनखल स्थित सिखों के तीसरे गुरु गुरु अमरदास जी के गुरुद्वारे एवं तप अस्थान पीजी पातशाही गुरु अमरदास कनखल में पहले अरदास की गई उसके बाद आम भक्तों के लिए गुरुद्वारे के द्वार खोले गए ज्ञानी ग्रंथी सरदार देविंदर सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहब जी अरदास की।और दुनिया को कोरोना संकट से बचाने के लिए अरदास की
श्री गंगा आरती आमजन के लिए खुली
श्री गंगा सभा के सभापति कृष्ण कुमार ठेकेदार ,अध्यक्षश्री पंडित प्रदीप झा एवं महामंत्री तन्मय वशिष्ट ने कहा कि हर की पैड़ी में आज गंगा स्नान और आरती के दर्शन करने के लिए आम श्रद्धालु आ सकेंगे और आज कम संख्या में लोग आए और उन्होंने गंगा स्नान किया हर की पैड़ी पर गंगा सभा ने केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सभी इंतजाम किए निर्मल पंचायती अखाड़े के श्री महन्त ज्ञानदेव सिंह शास्त्री वेदांत आचार्य महाराज ने कहा कि भक्त भगवान को श्रद्धा से पूछते हैं तभी तो आज धर्म नगरी हरिद्वार में मंदिरों के कपाट खुलते ही श्रद्धालु अपने भगवान के दर्शन करने पहुंच गए और इसे श्रद्धा ही कहेंगे की भक्त अपने भगवान को भी इस भयानक महामारी से बचाने के लिए माक्स पहनाए और साथ मंदिर में सैनिटाइज भी किया श्रद्धालु भगवत शरण अग्रवाल का कहना है कि आज ढाई महीने बाद मंदिर के कपाट खुले हैं पहले मंदिर को सैनिटाइज किया और सोशल डिस्टेंस बना रहे इसका भी ध्यान रखा गया इसके साथ ही हमने भगवान को मास्क पहनाए हैं जिसे भगवान भी कोरोना की बीमारी से बस सके लॉक डाउन की वजह से लोग मंदिर में दर्शन नहीं कर पा रहे थे मगर अब दर्शन कर इस बीमारी से लड़ने की शक्ति मिल सकेगी श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर में भगवान के दर्शन करने से पॉजिटिव एनर्जी मिलती है सरकार ने मंदिरों को खोला है यह बहुत ही अच्छा कार्य है पर लोगों को भी सरकार की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए और सोशल डिस्टेंस बनाकर रखना हो आपदा के चलते देश भर में लॉक डाउन केंद्र सरकार द्वारा किया गया था और लोगो की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए केंद्र सरकार ने सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया था।
हर की पौड़ी पर श्रद्धालु कर सकेंगे स्नान
अब करीब ढाई माह बाद धार्मिक स्थल दोबारा खोले गए जिसके चलते आज धर्मनगरी हरिद्वार में भी विश्व प्रसिद्ध पौराणिक हरकीपौडी पर श्रद्धालु सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक माँ गंगा में आस्था की डुबकी लगा सकेंगे और माँ गंगा की आरती में भाग ले सकते है इसके साथ ही विश्व प्रसिद्ध चंडी देवी मनसा देवी माया देवी मंदिर आनंद भैरव मंदिर भैरव मंदिर भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया भक्तों ने भी अपने भगवान को इस महामारी से बचाने के लिए मास्क पहनाए और पूरे मंदिर का सैनिटाइज किया उसके बाद भगवान की भक्ति में रम गए